जमाने की नजर न लग जाए तो बात और थी मोहब्बत मुकम्मल हो जाए तो बात और थी। जमाने की नजर न लग जाए तो बात और थी मोहब्बत मुकम्मल हो जाए तो बात और थी।
अनगिनत यादें ही हैं बाकि काफी कुछ कहना सुनना छूट गयाा। अनगिनत यादें ही हैं बाकि काफी कुछ कहना सुनना छूट गयाा।
लेखक...। लेखक...।
एक लेखक के जुनून के बारे में कविता...। एक लेखक के जुनून के बारे में कविता...।
क्या करता हूँ मैं अपने अंदर के खालीपन के साथ ? जानने के लिए पढ़िए यह कविता...। क्या करता हूँ मैं अपने अंदर के खालीपन के साथ ? जानने के लिए पढ़िए यह कविता...।
तुम्हारी किलकारियाँ, तुम्हारा बचपन, तुम्हारी पहली मोहब्बत, तुम्हारी जवानी, तुम्हारा बुढ़ापा, सब... तुम्हारी किलकारियाँ, तुम्हारा बचपन, तुम्हारी पहली मोहब्बत, तुम्हारी जवानी, त...